Sunday, August 23, 2020

Bharat Desh par kawita


भारतीय जवान.. 

ना की फिकर उसने अपने परिवार की ,
ना उस जुजती बुढि माँ की ,
रक्षा कर अपने देश की, 
बली चढा दी अपने जान की.. 

जुज रहा था वो दुष्मनो से, 
फिर भी खडा रहा वो सीना तान के, 
छाती पर झेल गया वो गोलिया, 
मानो कोई पर्वत रोक रहा हों नदीया... 

मौत के कुंए मे कुद गया, 
रखने देश की शान, 
आखरी सांस तक वो कह गया, 
देश मेरा महान.....


-Ishika wanjari

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