हाँ मैं भी जीना चाहतीं हू
मैं भी उन उड़ते पंछियों की तरह आसमान में उड़ना चाहतीं हू
मैं भी उस इन्द्रधनुष के रंग देखना चाहतीं हू
हाँ मैं भी जीना चाहती हू
मैं भी उन खेत खलियानों मे खेलना चाहती हू
मैं भी उस बरगद के झूले पर झूलना चाहतीं हू
हाँ मैं भी जीना चाहती हू....
मैं भी आपकी लोरी सुनकर सोना चाहती हूं
मैं भी सर्दियों में आपके लिए स्वेटर बुनना चाहती हूं
हाँ मैं भी जीना चाहती हू...
मैं भी मुस्कुराना चाहती हू
मैं भी झूमना चाहती हू
माँ बाबा मुझे ना मारो
हाँ मैं भी जीना चाहती हू
-Ishika